यह काल मौर्य वंश के द्वारा स्थापित हुआ था, जिसका प्रारंभ चंद्रगुप्त मौर्य ने click here किया था। इस राज्य का विस्तार पूरे आधुनिक भारत तक हुआ, और यह पैसा के लिए जाना जाता था। मौर्य सम्राटों ने विश्वसनीय प्रशासन स्थापित किया था, और उन्होंने संगीत, साहित्य को भी प्रोत्साहित किया। इस समय में भारतीय शिक्षा का विकास हुआ, और यह भारत के इतिहास का सबसे महान पड़ाव माना जाता है।
अशोक मौर्य और मौर्य वंश की स्थापना
चंद्रगुप्त मौर्य, एक प्रतापी शासक, ने अनेक युद्धों के बाद भारतवर्ष|देश का एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया। उसका लक्ष्य था कि देश का सारा भाग एक एकजुट में हो। चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने सहायकों की मदद से अशोक, बिंदुसार और अन्य शासकों को पराजित करके मौर्य वंश की रागदारी की।
विश्वसनीय रूप से कला और संस्कृति को बढ़ावा देते थे।
यह आर्थिक सहायता देते थे ताकि कलाकार अपनी|कृतियों|कलाओं|रचनाओं|निर्मित|उत्पादित|बनाएं।
मौर्य कला का प्रभाव आज भी हमें विश्वास देता है ।
मौर्य राजवंश का उद्धार
चंद्रगुप्त मौर्य| अशोक के पश्चात्, मौर्य साम्राज्य में अस्थिरता की लहर आ गई। काले राजवंश का प्रसार हुआ और साम्राज्य अपने शक्ति को खोने लगा। अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष ने भी मौर्य सत्ता पर दबाव डाला, जिससे स्वतंत्रता का उदय हुआ।
विस्तृत भूभाग| समृद्ध अर्थव्यवस्था के बावजूद मौर्य साम्राज्य अपने अंत की ओर बढ़ रहा था।
लेखकों ने मौर्य पतन को अंदरूनी उथल-पुथल से जोड़ते हैं। यह परंपरागत दृष्टिकोण है कि मौर्य साम्राज्य का पतन कई कारकों की वजह से हुआ था, और यह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।